स्वातंत्रता कीस गधे का नाम है ।
साहित्य सम्राट अण्णाभाऊ साठे अपनी एक मुर्गी नाम कि कहाणी में एक सवाल खडा करते है कि "स्वातंत्रता कीस गधे का नाम है?"
साच मे आझादी किसकी । येह तो ट्रान्सफर ऑफ पावर है । एक विदेशिने(इंग्रेज)जाते जाते दुसरे विदेशी(ब्राह्मण) के हात में सत्ता सोप दी । 1947 को 3%विदेशी ब्राह्मण ,विदेशी अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हो गया
हम भारत के 85% मूलनिवासी बहुजन पिछड़ी जात (OBC SC ST और इनमे से धर्मपरिवर्तित ) के लोग आज भी विदेशी ब्राह्मणों के गुलाम है !ये आझादी हमारी नाही है । 'दुनिया का भारत ही एकमात्र ऐसा देश है ,जहा के लोग गुलाम होकर ,गुलामी में भी अपनी आजादी का झूठा जश्न मानाते है !''
1947 को 3%विदेशी ब्राह्मण ,विदेशी अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हो गया
हम भारत के 85% मूलनिवासी बहुजन पिछड़ी जात (OBC SC ST और इनमे से धर्मपरिवर्तित ) के लोग आज भी विदेशी ब्राह्मणों के गुलाम है !!
स्वातंत्रताके अवसर पर खुद को कूछ सवाल पुछो .
१)स्वतंत्रता के दुसरे हि दिन यांनी १६ ऑगस्ट १९४७ को अण्णाभाऊ साठेँजी ने लाखोँ लोगोका मोर्चा निकाल के ' ये आजादी झुठी है ' ऐसा क्यू कहा ?
२)आदिवासीँयो ने आज हातो में शस्त्र , हतियार क्यो उठाये है ?
३)राष्ट्रगीत असल में अर्थ क्या है, सच्च्याई क्यो छुपाई जा रही है ?
४) हमे जो संविधान ने हक ओर अधिकार दिये थे , ओ क्यू छिन लिये जा राहे है ?
५)किसान आत्महत्या क्यो कर रहे है ? ऐसी परिस्थिती किसके वजह से आई ?
६)क्या सच मे हम आझाद है ?
साहित्य सम्राट अण्णाभाऊ साठे अपनी एक मुर्गी नाम कि कहाणी में एक सवाल खडा करते है कि "स्वातंत्रता कीस गधे का नाम है?"
साच मे आझादी किसकी । येह तो ट्रान्सफर ऑफ पावर है । एक विदेशिने(इंग्रेज)जाते जाते दुसरे विदेशी(ब्राह्मण) के हात में सत्ता सोप दी । 1947 को 3%विदेशी ब्राह्मण ,विदेशी अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हो गया
हम भारत के 85% मूलनिवासी बहुजन पिछड़ी जात (OBC SC ST और इनमे से धर्मपरिवर्तित ) के लोग आज भी विदेशी ब्राह्मणों के गुलाम है !ये आझादी हमारी नाही है । 'दुनिया का भारत ही एकमात्र ऐसा देश है ,जहा के लोग गुलाम होकर ,गुलामी में भी अपनी आजादी का झूठा जश्न मानाते है !''
1947 को 3%विदेशी ब्राह्मण ,विदेशी अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हो गया
हम भारत के 85% मूलनिवासी बहुजन पिछड़ी जात (OBC SC ST और इनमे से धर्मपरिवर्तित ) के लोग आज भी विदेशी ब्राह्मणों के गुलाम है !!
स्वातंत्रताके अवसर पर खुद को कूछ सवाल पुछो .
१)स्वतंत्रता के दुसरे हि दिन यांनी १६ ऑगस्ट १९४७ को अण्णाभाऊ साठेँजी ने लाखोँ लोगोका मोर्चा निकाल के ' ये आजादी झुठी है ' ऐसा क्यू कहा ?
२)आदिवासीँयो ने आज हातो में शस्त्र , हतियार क्यो उठाये है ?
३)राष्ट्रगीत असल में अर्थ क्या है, सच्च्याई क्यो छुपाई जा रही है ?
४) हमे जो संविधान ने हक ओर अधिकार दिये थे , ओ क्यू छिन लिये जा राहे है ?
५)किसान आत्महत्या क्यो कर रहे है ? ऐसी परिस्थिती किसके वजह से आई ?
६)क्या सच मे हम आझाद है ?
मुझे आपका ब्लोग बहुत पसंद आया!
ReplyDeleteजय मुलनिवासी !!!
अहो काय करणार? लोकशाहीत लोकांच्या लायकीचे सरकार मिळते तुमची लायकीच जी आहे त्याच पात्रतेचे सरकार तुम्हाला मिळते १९४८ साली गांधीहत्येचे निमित करून तुम्ही ब्राह्मण लोकांना खेड्याबाहेर हाकलले आणि जमिनी ता ब्यात घेतल्या ते बिचारे शहरात येवून नोकर्या करू लागले तर तुम्ही आरक्षणाचा नावाखाली त्या पण काढून घेत आहेत
ReplyDeleteतुम्ही फक्त भुंकत राहा तीच लायकी आहे तुमच
भट्या ते तु सांगायची गरज नाही..आता ब्राम्हन खेड्याबाहेर नाही हाकलनार तर देशाबाहेर घालवनार..
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