Tuesday, 6 May 2014

ब्राम्हण कभी इमानदार नही हो सकता

ब्राम्हण कभी इमानदार नही हो सकता
1) प्रतीदिन जिसको हिंसा करके बली चढायाजाता है उस महाकाली की पुजा ब्राम्हन करता है . यानी की हिंसा का ब्राम्हान समर्थण करता है .
ओर दुसरी तरफ महावीर ओर तथागत बुद्ध की मुर्ती के सामने आहींसा की बात करता है
2) ब्राम्हण उस पर्शुराम की पुजा करता है जिसने 21 बार क्षत्रियोंका नरसंहार कीया
ओर उस क्षत्रिय राम की भी पुजा कर्ता है .
3)ब्राम्हाण खुद को हिंदु धर्म का ठेकेदार केहलवाता है ओर जिस हिंदु धर्म मे पिर , दरगाह को मान्यता नही है फिर भी उस दरगाह ,पिर का पुरोहीत पुजारी बनता है .
4) 33 करोड देवी देवताओ को मान्यता देनेवाला ब्राम्हाण साइ मंदिर मे जाकर केहता है " सब का मालिक येक "
5) गो हमारी माता है केहनेवाला ब्राम्हण आपनी शादी मे आटे की गाय काटता है .ओर गाय भी खाता है
6)  कभी केहता है मुसलमान खराब है तो कभी केहता हॆ बोद्ध आछे नाही है
ओर रेस्तेदारी तो दोनोसे भी करता है . झगडे लगाने मी हमेश्या माहीर
7)स्टेज से समानता के उपर बडी उचे आवाज मी भाषण देनेवाला ब्राह्मण . घरमे छुत आछुत की बाते करता है . असमानता , गैर बराबरी हमेश्या बरकरार रखनेका काम ब्राह्मण करता है
8)मंदिरो आश्रामोन्से से अंधश्रद्धा का प्रचार करनेवाला ब्राह्मण अंधश्रद्धा निर्मुलन समितीमे भी  काम करता है .

दोस्तो दोहरे चरीत्रवाले लोग कभी इमानदार नही होते .और ब्राम्हाण हामेश्या दोहरे चरीत्रमे जीता है .ब्राम्हन बेइमान है .
तो इन बेइमानो को हाटाओ इस देश से
 ब्राह्मण भगवो
देश बचावो

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